दुसरे इंफ्लुएंजा जैसे तेजी से नहीं बदल रही कोरोना की जेनेटिक सरंचना, वैक्सीन बनाना होगा आसान

दुसरे इंफ्लुएंजा जैसे तेजी से नहीं बदल रही कोरोना की जेनेटिक सरंचना, वैक्सीन बनाना होगा आसान

सेहतराग टीम

कोरोना के कहर से जूझ रहे लोगों के लिए एक राहत देने वाली खबर है। इंफ्लुएंजा की तरह कोरोना वायरस अपने जेनेटिक संरचना तेजी से नहीं बदल रहा है यानी चार महीने पहले वुहान में उसकी संरचना जैसी थी अब भी लगभग वैसी ही है। इसके कारण कोरोना वायरस के खिलाफ लंबे समय तक काम करने वाला वैक्सीन बनाना आसान होगा। जबकि इंफ्लुएंजा जैसे कई वायरस लगातार अपनी जेनेटिक संचरना को बदलते रहते हैं और उनके लिए हर बार नई वैक्सीन तैयार करनी पड़ती है।

पढ़ें- Corona Virus: चीन के वुहान की तरह बनती जा रही है न्यूयॉर्क की हालत

मानव शरीर के भीतर गुजरते समय कोरोना बदलता है अपनी सरंचना

भारत में कोरोना वायरस के स्वरूप पर नजर रख रहे आइसीएमआर के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में पाए गए कोरोना वायरस काफी हद तक एक समान है। जबकि ये कई देशों में रहने वाले लोगों के माध्यम से भारत पहुंचे है। सामान्य रूप से कोरोना वायरस एक से दूसरे मानव शरीर के भीतर गुजरते समय अपनी संरचना बदलता रहता है, जिसे म्युटेशन कहते हैं। कोरोना वायरस में यह म्युटेशन की प्रक्ति्रया नहीं देखी जा रही है। पिछले हफ्ते आईसीएमआर के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने बताया था कि भारत में मिले कोरोना के वायरस की जेनेटिक संरचना 99.9 फीसदी वुहान शहर में मिले वायरस के समान थी। लेकिन साथ ही उन्होंने वायरस के म्युटेशन से उसके जेनेटिक संरचना बदलने की भी आशंका जताई थी।

पूरी दुनिया में यह वायरस है काफी हद तक सामान

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही कोरोना के वायरस की जेनेटिक संरचना एक समान मिल रही है। पूरी दुनिया में यह वायरस काफी हद तक एक समान ही पाया जा रहा है। इस कारण यह माना जा रहा है कि कोरोना के वायरस में इंफ्लुएजा जैसे दूसरे वायरस की तरह तेजी से जेनेटिक संचरना बदलने के गुण नहीं है। इस कारण यदि इस वायरस को रोकने के लिए कोई वैक्सीन बनती है या फिर इससे प्रभावित मरीजों के लिए किसी कारगर दवा इजाद की जाती है, तो वह लंबे समय तक कारगर रहेगी। वैसे आइसीएमआर के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस के बारे में निश्चित रूप से कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लंबे समय तक कोरोना वायरस पर नजर रखने के बाद किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है। यह कहना भी मुश्किल है कि कितनी जल्द वैक्सीन तैयार हो सकती है।

 

इसे भी पढ़ें-

कोरोना वायरस की हर जानकारी और मदद के लिए यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर

अपोलो हॉस्पिटल की पहल, मोबाइल पर चेक करें कोरोना टेस्ट

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।